देशी गाय के घी की विशेषताए



  • गाय का घी नाक में डालने से एलर्जी खत्म हो जाती है।
  • गाय का घी नाक में डालने से लकवा का रोग में भी उपचार होता है।
  • (20-25 ग्राम) घी व मिश्री खिलाने से शराब, भांग व गांझे का नशा कम हो जाता है।
  • गाय का घी नाक में डालने से कान का पर्दा बिना ओपरेशन के ही ठीक हो जाता है।
  • नाक में घी डालने से नाक की खुश्की दूर होती है और दिमाग तरोताजा हो जाताहै।
  • गाय का घी नाक में डालने से कोमा से बाहर निकल कर चेतना वापस लोट आती है।
  • गाय का घी नाक में डालने से बाल झडना समाप्त होकर नए बाल भी आने लगते है।
  • गाय के घी को नाक में डालने से मानसिक शांति मिलती है, याददाश्त तेज होती है।
  • हाथ पाव मे जलन होने पर गाय के घी को तलवो में मालिश करें जलन ठीक होता है।
  • हिचकी के न रुकने पर खाली गाय का आधा चम्मच घी खाए, हिचकी स्वयं रुक जाएगी।
  • गाय के घी का नियमित सेवन करने से एसिडिटी व कब्ज की शिकायत कम हो जाती है।
  • गाय के घी से बल और वीर्य बढ़ता है और शारीरिक व मानसिक ताकत में भी इजाफा होता है
  • गाय के पुराने घी से बच्चों को छाती और पीठ पर मालिश करने से कफ की शिकायत दूर हो जाती है।
  • अगर अधिक कमजोरी लगे, तो एक गिलास दूध में एक चम्मच गाय का घी और मिश्री डालकर पी लें।
  • हथेली और पांव के तलवो में जलन होने पर गाय के घी की मालिश करने से जलन में आराम आयेगा। 
  • गाय का घी न सिर्फ कैंसर को पैदा होने से रोकता है और इस बीमारी के फैलने को भी आश्चर्यजनक ढंग से रोकता है। 

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